डायरी वाली लड़की

उस लड़की को वक़्त का कोई तकाज़ा नही था।
बाकि लड़कियों की तरह नही थी/
उस मेन्टल ऐसायलम की
खिड़की से टँगी/लटकी/झूलती रहती।
क्यों कि वह खिड़की/एक गली दिखाती थी/
एक गली थी/
दुर्धटना सम्भावित क्षेत्र की जैसी।
जहां से वो लड़का सिर्फ एक बार मिलने आया।
उसके हिसाब से घड़ियों में सेकंड की सूई/ कलेंडर की तारीख बताती होगी।
मिनट की सूई
सालों को/
और
धण्टे की सूई उसके हिसाब से घूमती ही नहीं थी।
वह लड़की वक़्त से सौ साल आगे या दो सौ साल पीछे की सोचती।
क्यूकी/
इस दुनिया में उसका ऐसा क्या था/
जो सोचे
उसके दुबले से जेहन में/
दूसरी दुनिया के विचार आते थे।
जैसे यह अहसास/
कि कोई जानवर या विचित्र चीजें शरीर के भीतर है।
उस रात वो रोइ/
बालों को नोच लिया/
वो आसुँ भी बहाए जो उसकीआँखों के थे भी नहीं।
आज वो लिखने लगी फिर से/
अपनी आधी छुट्टी कविता को/
एक कच्छी पेन्सिल, जो पिछले दो सालों से उसने
अलमारी में छुपाई थी,
इसके साथ एक पुरानी डाईरी।
:" इतना कुछ हो रहा है दुनिया में,क्या तुम मेरे नही हो सकते थे.?"
एक दो शब्द छापकर वो रुकी
सर्दी में शिफॉन के साड़ी पर कत्थई कार्डिगन,
उसके वहां होने का इशारा कर रहा था। हम उसके मन को पकड़ नही सकते।
वो पागल/नहीं थी।
बस थोड़ी सी पागलपन की
शिकार थी।
वो पागल होते होते बची।

उसकी पुरानी डाईरी में सब लिखा था,
बस उस "बेवफा लड़के" के को छोड़कर/ सब कुछ।
जहाँ हम अपनी आंखे खोल ले वहीँ हम इसे देख सकते है ।
वो हर दम अंगुलियो पर जोड़ती कुछ/
दायें बाये हाथ को पटकती/
फिर जोड़ती।
उसने कहीं पढ़ा होगा /
की दुनिया की सारी गलियों को जोड़े तो चाँद तक का रास्ता /
बन जयेगा।
उसका हिसाब लगती।
उसकी डाईरी के पन्ने मेरे हाथ में /
हेलोज़न लाइट के हरे प्रकाश से चमक रहे थे/
उन अक्षरों से जुड़कर
एक कविता बनी
"उसकी " दीवानगी और "उसके" बेवफाई कि प्रतिदीप्ति चमक उठी।
भावनाओं की तेज़ लहर/ उस के दिमाग की एकाग्रता को प्रभावित कर गयी।
उस मैनिक गर्ल को डिमेंशिया या मतिभ्रंश रोग हो गया था /
जो कोई पकड़ नही पाया/
प्यारी थी/
प्यार करती थी/
पर उसे प्यार; मिला नही कभी।
उसने एक दिन हॉस्पिटल में अपने ही कमरे में/
अपने ही बेड पर/
लड़के की आत्महत्या कर दी।
उसके प्यार की लाश कहां गायब हुईं, लड़की का यह सवाल /आज भी /अपना उत्तर खोज रहा है।
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मैंने उस डाईरी को आज तक नही पढा। इससे अवसाद की स्थिति पैदा हो सकती है |

© बृजमोहन स्वामी 'बैरागी'
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धरती से मनुष्यों के गायब होने के मामले अक्सर सुनने को मिलते रहे है।
लेकिन ये कहानी ऐसी लड़की की है जो दुनिया में होते हुए भी नही है।
हम व्ही देखते है जो हम सोचते हैं।

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