मरने की एक्टिंग (कविता)

आप कभी समझ ही नही पायेंगे
कि
फलक और आफरीन/ वही बच्चियाँ हैं जिन्हें
निर्दय समाज की साइकोलोजी ने 'मार' डाला...
किसी सफ़ेद रंग के दिन में
हम लोग मर चुके होंगे
तब तक कुछ लिख लेंगे हम।
मैं वास्तव में बच्चा नही रहा,
इतना समझदार हूं
कि
मौरीद बरघूती की एक कविता की एक पंक्ति उधार ले सकूँ।
हम जरूर जानना चाहेंगे
कि
बलात्कार के वक़्त
इंसान जैसी शक्ल
को हंसी आती है, या नहीं।
(अगर आपके पास इसका जवाब हो तो जरूर बताइये)
लादेन के घर की अंतिम माचिस क़त्ल हो गई है/ सादगी अपनाएं
आत्मघाती हमलों में हज़ारों लोग मरकर खुश हो गए हैं
( अपनी अँगुलियों को मत भूलें)
ऐसी ही
किसी रात के सोहल्वे पहर में
लादेन का कटा हुआ हाथ/
आपकी कमर पर "गुदगुदी" करेगा
मैं उस हाथ से पूछता हूँ
कि आप इतने दिन कहां ग़ायब रहे?
थोडा बारिकी से देखा जाए तो
हत्या एक अनुभूति है जिसमें इंसान डूब जाता है.
आप अपने क्रांतिकारी विचारों को
अपने
आलिंद-निलय चक्र में पीसकर मार देना
वो किसी काम नही आ पाएंगे
आपके विचार ज्यादा दिन चल नही सकते/आपके साथ
इसलिए लंबी दूरी तक ले जाना हो तो उन्हें (विचारों को) तोड़ा जाना चाहिए।
करोड़ों लोग
दुनिया को उसी तरह छोड़कर चले गए
जिस प्रकार
अधिकांश कीट अंडे देने के बाद उन्हें भगवान भरोसे छोड़कर चले जाते हैं।
आपके नींद में सोने के वक़्त
एक के बाद एक हत्याओं का
ऐसा सिलसिला शुरू होता है जो रुकने का नाम ही नहीं लेता।
यह पृथ्वी की ऊपरी परत/ पत्थर में बदल चुकी कुछ हड्यियां मात्रहैं।
कुछ अनजान चेहरे
हमे नही पहचानते,
इनके आधार पर यह कह पाना कि वे रो सकते थे या नहीं,
जरा मुश्किल है।
मेक्सिको के स्थानीय भाषाओं में टमाटर को टमाटर कहा जाता है।
क़त्ल/हत्या/बलात्कार के लिए
हमे कुछ कहना नही आता।
लादेन का एक हाथ जिन्दा है
और
बाकि दुनियां मर चुकी है।
इंसान के "मध्य मष्तिष्क" में जलन
की जड़ें काफी गहराई तक फैलती हैं।
छेड़े जाने पर
वे जड़ें घोंघे के ही समान अपने लंबे जाल को चवन्नी के आकार में गोल लपेट लेती है।।
इस ब्रह्माण्ड का हर जीव/
अपना उल्लू सीधा कर सकता है
इसी कारण
बहुत दिनों से खाली पड़े मकान में घुसने पर एकाएक सिद्धान्त निकल आते हैं।
आप सोचते होंगे कि खाली मकान में सिद्धान्त कहां से आए।
वास्तव में वे सिद्धांत अपने गर्त में आपके ही इंतजार में बैठे थे!
दुनिया के हर दिमाग में
आत्महत्या की निशानी,
इस रफ़्तार से अंदर आ सकती कि जैसे वो हुसैन बोल्ट को शर्मिंदा करना चाहती हो.
आप कुछ नही जानते,
यह ओरिजिनल सिस्टम है।
पश्चिमी अमरीका में रहनेवाले एक अनोखे व्यक्ति ने
अपनी पूरी जिंदगी
सेब के पड़ों में कूट कर भर दी।
फिनायल और डाक पेटी में क्या अंतर है? मुझे नहीं मालूम।
चूहों और मुद्दों को अलग अलग पहचानने का कोई तरीका?
(उन्हें उठाकर देख लीजिए।)
आपके जन्म के वक़्त,
शोरगुल के मध्य कुछ चेहरे मंच पर आते है।
जिन महिलाओं की बच्चेदानी/ ग़लत तरीके से निकाली गई है उनसे मिलना चाहता हूँ।
क्योंकि लादेन फिर से जन्म लेना चाहता है।
मुझे लादेन की याद सताती है,
मैं उसके हाथों मरने की एक्टिंग करना चाहता हूँ
लादेन रोएगा तो नही ?
मुझे इस दुनिया में थोड़े ही रहना है
जहां
हर सेकण्ड, लगभग चार बच्चीयों का बलात्कार टाइप अविष्कार हो जाता है।
(और मैं अकेला कुछ कर नही पाता। )
- कत्ले आम।

  ©कॉपीराइट
[ कच्चे मकान की बूढी दीवार पर लटकी हुई न्यूटन की जवान फ़ोटो मेरी तरफ गौर से देखती है/ तब मैं कुछ लिखने का गलत कदम उठा लेता हूँ। ]
[फ़ोटो सौजन्य से - news18.com

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